||महामृत्युंजय मंत्र(Mahamrityunjaya Mantra)||

Date:

महामृत्युंजय मंत्र

महामृत्युंजय मंत्र हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण मंत्र है। यह मंत्र भगवान शिव की स्तुति करता है और मृत्यु को जीतने की शक्ति के लिए उनसे प्रार्थना करता है। इस मंत्र को यजुर्वेद के रूद्र अध्याय में पाया जाता है।

महामृत्युंजय मंत्र का शाब्दिक अर्थ है “मृत्यु को जीतने वाला”। इस मंत्र में भगवान शिव को तीन नेत्रों वाला, सुगंधित और जीवन का पोषण करने वाला बताया गया है। मंत्र में भगवान शिव से मृत्यु, रोग, भय और अन्य सभी कष्टों से मुक्ति देने की प्रार्थना की जाती है।

महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से कई लाभ होते हैं। यह मंत्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। यह मंत्र तनाव, चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। यह मंत्र शारीरिक रोगों को दूर करने और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में भी मदद करता है।

महामृत्युंजय मंत्र का जप करने के लिए किसी विशेष विधि की आवश्यकता नहीं होती है। इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। हालांकि, मंत्र का जप करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। मंत्र का जप एक शांत और सुखद वातावरण में करना चाहिए। मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और ध्यानपूर्वक करना चाहिए। मंत्र का जप 108 बार करने का प्रयास करना चाहिए।

महामृत्युंजय मंत्र का जप करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन किया जा सकता है:

  1. एक शांत और सुखद स्थान पर बैठ जाएं।
  2. अपने हाथों को जोड़कर ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं।
  3. अपने मन को शांत करें और अपने सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।
  4. मंत्र का उच्चारण करें:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

  1. मंत्र का जप 108 बार करें।

महामृत्युंजय मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो मृत्यु और अन्य सभी कष्टों से मुक्ति दिलाने में मदद कर सकता है। इस मंत्र का जप नियमित रूप से करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

“हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं। जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।”

शास्त्र कहते हैं कि इस मंत्र का जाप करने से मरने वाले को भी जीवन मिल सकता है। जब रोग असाध्य हो जाए और कोई विकल्प न रहे, तो महामृत्युंजय मंत्र का जप ही एकमात्र विकल्प है, इस पूरी प्रकिया के दौरान इसका कम से कम सवा लाख बार जप करना चाहिए। इस मंत्र को जाप करते समय पूरी पूजा में शामिल होना चाहिए अगर आप इस मंत्र को किसी और के लिए जाप कर रहे हैं, तो हर बार पूजा के बाद पूजा के फूल को व्यक्ति के सिरहाने रखें। ऐसा करने से निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।

SPSINGH
SPSINGHhttps://bharatiyadoot.com
Blogger and Website designer. Also do AI Image and Content Generation for Clients.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

Complete Guide to SEBI Registered Brokers List: Find Trusted Advisors, Tips Providers, and Companies

Explore the complete SEBI registered brokers list to discover trustworthy brokers, advisors, tips providers, and companies. Stay secure and informed with this detailed guide.

Best 160cc Bikes in India Price & Features: Top Picks for Every Rider

Looking for the best 160cc bikes in India? The 160cc segment offers an excellent balance of performance, mileage, and affordability, making it perfect for both daily commutes and occasional long rides. From the sporty Bajaj Pulsar NS160 to the refined TVS Apache RTR 160 4V, each motorcycle has distinct features catering to different riders. Whether you prioritize mileage, power, or style, models like the Hero Xtreme 160R, Honda X-Blade, and Yamaha FZ-S FI V4 offer compelling options. Compare specs, prices, and mileage to find the perfect ride for your needs.

Triumph Scrambler 400 XC: Adventure-Ready Icon Arrives in India

IntroductionTriumph Scrambler 400 XC is set to redefine the...

IPL 2025 Showdown: Key Clashes, Standout Players

Introduction: The Heat is On in IPL 2025! The IPL...