भारत बनी विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
भारत ने 2025 तक अपनी अर्थव्यवस्था को एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया है। भारत की GDP 4.1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच गई है, जो 2015 में मात्र 2.1 ट्रिलियन डॉलर थी। इस ऐतिहासिक उन्नति ने भारत को विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है।
2015 से 2025 तक का सफर
वर्ष | GDP (ट्रिलियन डॉलर में) |
---|---|
2015 | 2.1 |
2025 | 4.1 |
इस 10 वर्षों में भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को लगभग दोगुना कर लिया है। यह विकास दर सरकार की मजबूत आर्थिक नीतियों, डिजिटल परिवर्तन, स्टार्टअप संस्कृति और मेक इन इंडिया जैसे अभियानों का परिणाम है।
GDP वृद्धि दर: स्थिर और सशक्त
भारत की GDP वृद्धि दर ने वैश्विक स्तर पर अपनी मजबूती साबित की है:
- 2021: 9.69%
- 2022: 6.99%
- 2023: 7.58%
- 2024: 6.5%
- 2025 (अनुमानित): 6.2%
यह स्थिर वृद्धि दर भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर एक मजबूत खिलाड़ी बनाती है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति
2025 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की शीर्ष 10 सूची में भारत का स्थान:
- संयुक्त राज्य अमेरिका: $30.51 ट्रिलियन
- चीन: $19.23 ट्रिलियन
- जर्मनी: $4.74 ट्रिलियन
- भारत: $4.19 ट्रिलियन
- जापान: $4.19 ट्रिलियन
- यूनाइटेड किंगडम: $3.84 ट्रिलियन
- फ्रांस: $3.21 ट्रिलियन
- इटली: $2.42 ट्रिलियन
- कनाडा: $2.23 ट्रिलियन
- ब्राजील: $2.13 ट्रिलियन
यह सूची दर्शाती है कि भारत ने जापान को पछाड़ते हुए चौथा स्थान प्राप्त किया है।
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आत्मनिर्भर भारत की सफलता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “आत्मनिर्भर भारत” अभियान ने देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। उत्पादन, निवेश, एक्सपोर्ट और रोजगार के क्षेत्र में बड़े सुधारों ने भारत को वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर मज़बूती से स्थापित किया है। इस पहल के तहत:
- PLI योजनाओं के माध्यम से ₹1.03 लाख करोड़ का निवेश आकर्षित किया गया, जिससे 6.78 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए।
- PM मुद्रा योजना ने 15 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान किया, जिसमें 3.4 करोड़ महिलाएं शामिल हैं।
- आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत 7.57 मिलियन नए कर्मचारियों को नामांकित किया गया।

बजट 2025: विकास के चार स्तंभ
भारत का बजट 2025 चार प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है:
- कृषि: ₹1.7 लाख करोड़ का सीधा आवंटन, जो अब तक का सबसे अधिक है।
- MSME: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को समर्थन।
- निवेश: विदेशी और घरेलू निवेश को प्रोत्साहित करना।
- निर्यात: निर्यात को बढ़ावा देना और व्यापार संतुलन में सुधार।
ये पहलें भारत को आर्थिक रूप से और मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
निवेश और रोजगार के अवसर
इस आर्थिक विकास से देश में निवेश के नए रास्ते खुले हैं, जिससे रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हुई है। विदेशी कंपनियाँ भारत को एक मजबूत और स्थिर बाजार के रूप में देख रही हैं।
भविष्य की दिशा: तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर
NITI Aayog के CEO बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम के अनुसार, यदि भारत अपनी वर्तमान नीतियों और योजनाओं पर कायम रहता है, तो वह अगले 2.5 से 3 वर्षों में जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
निष्कर्ष:
भारत की अर्थव्यवस्था ने 2025 में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया है, जिससे वह विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। यह उपलब्धि सरकार की नीतियों, आत्मनिर्भर भारत अभियान, और नागरिकों की मेहनत का परिणाम है। हालांकि चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं, लेकिन भारत की दिशा स्पष्ट है: समावेशी और सतत विकास की ओर।