आरती-श्री-गणेश-जी-की

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय…

एक दंत दयावंत चार भुजा धारी।

माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥ जय…

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय…

हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।

लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥ जय…

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥ जय…

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

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